EXAMINATION MANTRA - परीक्षा फंडा
पिछले दिनों एक बुजुर्ग से मिलना हुआ ,जो स्कूल से लौट रहे बच्चों के पास जाकर उनसे एक प्रश्न-पत्र हल करने को कह रहे थे । उसमें केवल 10 प्रश्न थे और हल करने के लिए सिर्फ 5 मिनट का समय निर्धारित था । बच्चों ने बुज़ुर्ग से पूछा कि इसे हल करने से उन्हें क्या फ़ायदा मिलेगा।? तो उन्होंने अपना परिचय एक मोटिवेटर के रूप में दिया और कहा कि अगर आप ये पेपर हल करते है तो आपकी क्षमता अचानक बढ़ जाएगी और बोर्ड परीक्षा में वास्तविक पेपर में आप बहुत अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।चूँकि इसमें केवल 5 मिनट का समय लगने वाला था । इसलिए कई बच्चों ने पेपर हल करने के लिए हामी भर दी । उन्होंने सारे बच्चों को उसी जगह एक बस स्टैंड में लगी रॉड के सहारे खड़ा कर दिया ।बच्चों को पहले आंसर शीट दी और कहा कि उस पर कोई ऐसा खास निशान बना दे।ताकि बाद में वे उन्हें पहचाने आसानी हो । चूँकि वे बच्चों के लिए अनजान व्यक्ति थे। इसलिए उन्होंने बच्चों से उत्तर पुस्तिका पर नाम लिखने को नही कहा ।इसके बाद उन्होंने वहाँ मौजूद 20 बच्चों को 15 सेकेंड से भी कम समय मे आधे मुड़े हुए प्रश्न-पत्र सौंपते हुए कहा कि जब तक समय शुरू न हो ,पेपर न खोले । फिर उन्होंने हाथ ऊपर उठाया और बोल,"आपके 5 मिनट शुरू होते हैं अब" बच्चों ने जल्दी से पेपर खोला और शुरू हो गए। पहला प्रश्न था ' दुनिया मे सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है?'
जाहिर है बच्चों ने तुरंत ही 'चीन' लिखा और दूसरे प्रश्न की ओर बढ़ गए जिसमें लिखा था 'सर्वाधिक जनसंख्या वाला दूसरा देश कौन सा है?'बच्चों ने तुरन्त उत्तर लिखा 'भारत'। इसके बाद तीसरा प्रश्न था 'सर्वाधिक जनसंख्या वाला तीसरा देश कौनसा है?' इसके उत्तर से पहले बच्चे एक-दूसरे की ओर देखने लगे । विकल्प के बारे में क़रीब 40 सेकंड तक सोचने के बाद कुछ ने इंडोनेशिया तो कुछ ने पाकिस्तान और इंग्लैंड लिखा । सही उत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका। इसके बाद आगे के प्रश्न कठिन होने लगे । फिर 5 मिनट की समय-सीमा खत्म हो गयी । उन्होंने सभी बच्चों से अंसार शीट ले ली । लेकिन उन सबमें दो बच्चें ऐसे थे , जिन्होंने किसी प्रश्न का उत्तर नही दिया था और आंसर शीट खाली लौटा दी थी । जब ऐसा करने पर दूसरे बच्चे उनका मजाक बना रहे थे और हंस रहे थे, तभी बुजुर्ग व्यक्ति ने सबको शांत रहने को कहा और फिर विजेता बच्चों के नामों की घोषणा करते हुए बोले कि एक भी प्रश्न हल नही करने वाले दोनों बच्चे ही वाकई असली विजेता है। और दोनों को तोहफे में एक- एक किताब दी।
यह देख बाकी बच्चों ने विरोध जताया तो, उन्होंने फिर से बच्चों को सारे पेपर और आंसर शीट बांट दी और कहा 'अब जरा गौर से दसवाँ प्रश्न पढ़ो। और सबने जब पढ़ा तो वह प्रश्न था, यदि आपको ऊपर लिखे नौ प्रश्नों में से किसी का उत्तर नही पता है ।,कोई बात नही , आप खाली आंसर शीट लौटा सकते है। और ऐसा करना ठीक है?' इस प्रश्न के आखिर में भी बाकियों की तरह एक प्रश्न-चिन्ह लगा था , पर वो बच्चों को कनफ्यूज करने के लिए था क्योंकि ज्यादातर ने बिना पड़े यही सोचा कि ये लंबा प्रश्न है इसलिए वे उसे सबसे आखिर में हल करेंगे। और, जब छह से आठ प्रश्न हल करने वाले दूसरे बच्चें झेंपते हुए एक-दूसरे की ओर देख रहे थे ,
बुजुर्ग ने शांति से सारे प्रश्न-पत्र वापस ले लिए, लेकिन आंसर शीट बच्चों के पास ही रहने दी। उन्होंने आखिर में एक लाइन का सबक दिया -
जब भी बोर्ड परीक्षा में बैठो, उत्तर लिखने की जल्दीबाजी मत करो, लिखना शुरू करो उसमे पहले शांति के साथ पेपर को अच्छी तरह पढ़ो। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी और अगले बस स्टैंड की ओर बढ़ गए । ताकि बस का इंतजार करते उन बच्चों के लिए भी यही सबक दोहरा सकें।
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